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आनंद लहरी स्तोत्र (Ananda Lahari Stotram)

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“आनंदलहरी” भगवती भुवनेश्वरी (पार्वती) की स्तुति में रचित एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें 103 श्लोकों का संग्रह है। इसे पारंपरिक रूप से आद्य शंकराचार्य की रचना माना जाता है, हालांकि कुछ विद्वानों का मत है कि यह किसी बाद के शंकराचार्य द्वारा रचित हो सकता है। बावजूद इसके, जनसाधारण में यह अब भी आद्य Read More