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श्री कृष्णाष्टकम् – भजे व्रजैक मण्डनम् (Krishnashtakam – Bhaje Vrajaik Maṇḍanam)

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“श्री कृष्णाष्टकम् – भजे व्रजैक मण्डनम्” — यह भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति में रचित एक अत्यंत मधुर और रसपूर्ण अष्टक (आठ श्लोकों वाला स्तोत्र) है। इसे विशेष रूप से रागात्मिका भक्ति (प्रेम से पूर्ण भक्ति) के लिए जाना जाता है। “भजे व्रजैक मण्डनम्” से शुरू होने वाला यह श्रीकृष्णाष्टकम् भगवान श्रीकृष्ण के व्रज (गोकुल/वृन्दावन) स्वरूप Read More

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श्री कृष्णाष्टकम् – वसुदेव सुतं देवंकंस (Shri Krishnashtakam)

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“श्री कृष्णाष्टकम्” एक भक्ति-प्रधान स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं, स्वरूप, सौंदर्य और महिमा का वर्णन करता है। “अष्टकम्” का अर्थ है “आठ पदों वाला” — इस स्तोत्र में श्रीकृष्ण के गुणों की आठ श्लोकों के माध्यम से स्तुति की गई है। यह स्तोत्र श्रद्धालु भक्तों द्वारा विशेष रूप से प्रातःकाल में पाठ Read More