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पशुपतास्त्रेय स्तोत्र (Pashuptastrey Stotra)

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शनि स्वयं फल नहीं देते, वे केवल कर्मों का फल देते हैं। यदि कुंडली में शनि प्रतिकूल है, तो शिव की उपासना विशेष रूप से लाभकारी होती है। यह स्तोत्र अग्नि पुराण के 322वें अध्याय से लिया गया है और अत्यंत प्रभावशाली व शीघ्र फलदायी माना गया है। यह प्रयोग शनि दोष, विवाह में देरी, Read More