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ॐ अघोरेभ्यो अथ घोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्वशर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररूपेभ्यः।।

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ॐ अघोरेभ्यो अथ घोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्वशर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररूपेभ्यः।। अर्थ: “जो अघोर (मृदु और कल्याणकारी) हैं, जो घोर (भयावह) हैं, जो घोर से भी अधिक भयंकर हैं, जो सर्वसंहारी (सभी का नाश करने वाले) रुद्र रूप हैं, उन सभी रूपों को मेरा नमस्कार है।” यह मंत्र भगवान शिव के विविध रूपों की महिमा को दर्शाता Read More