
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के बिलपांक गांव में स्थित विरूपाक्ष महादेव मंदिर (जिसे बिल्केश्वर महादेव मंदिर भी कहा जाता है) एक ऐतिहासिक और वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि भारतीय स्थापत्य कला का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
मंदिर 1वीं शताब्दी ईसा पूर्व में शुंग वंश के शासकों द्वारा निर्मित माना जाता है। मंदिर में स्थित प्राचीन खंभे और नक्काशी इस बात का प्रमाण हैं कि यह स्थल सदियों से धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है।
मंदिर की संरचना में गुजरात के चालुक्य, गुर्जर-प्रतिहार और परमार राजवंशों की स्थापत्य शैली का सम्मिलन देखने को मिलता है। गर्भगृह, अंतराल, सभा मंडप और अर्धमंडप की संरचना इस मंदिर को स्थापत्य कला का अद्वितीय उदाहरण बनाती है।
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मंदिर की विशेषताएँ

- मुख्य देवता: भगवान शिव (विरूपाक्ष महादेव)
- स्थापत्य शैली: पंचायतन शैली, जिसमें चार उपमंदिरों के साथ मुख्य मंदिर स्थित है
- प्रमुख देवता की मूर्तियाँ: गणेश, सूर्य, पार्वती और शिव की उपमंदिरों में प्रतिष्ठित मूर्तियाँ
- विशेषता: प्राचीन काल की स्थापत्य कला और धार्मिक आस्थाओं का संगम
मंदिर के दर्शन समय
- समय: प्रातः 8:00 बजे से सायं 6:00 बजे तक
- विश्राम दिवस: मंदिर सप्ताह के सभी दिनों में खुला रहता है
मंदिर में होने वाली आरतियाँ और भजन
मंदिर में प्रतिदिन शिव आरती और भजन संध्या का आयोजन होता है, विशेषकर महाशिवरात्रि, नवरात्रि और दीपावली जैसे प्रमुख त्योहारों के अवसर पर। इन अवसरों पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
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मंदिर में होने वाले प्रमुख उत्सव
- महाशिवरात्रि: भगवान शिव की आराधना का विशेष पर्व, जिसमें मंदिर में विशेष पूजा और भजन संध्या का आयोजन होता है
- नवरात्रि: माँ दुर्गा की पूजा के दौरान मंदिर में विशेष अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं
- दीपावली: प्रकाश पर्व के अवसर पर मंदिर को सजाया जाता है और विशेष पूजा का आयोजन होता है
मंदिर के पास देखने योग्य स्थल
मंदिर के आसपास कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं:
- गड़खांगे माता मंदिर: रतलाम शहर में स्थित यह मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है
- धोलावद डेम: रतलाम से लगभग 25 किमी दूर स्थित यह जलाशय प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय उदाहरण है
- कलिका माता मंदिर: रतलाम में स्थित यह मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र है
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यात्रा मार्गदर्शिका
मंदिर तक कैसे पहुँचें
- रेल मार्ग: रतलाम रेलवे स्टेशन से लगभग 18 किमी दूर स्थित है मंदिर। स्टेशन से टैक्सी या ऑटो द्वारा पहुंचा जा सकता है
- सड़क मार्ग: रतलाम शहर से बिलपांक गांव के लिए नियमित बस सेवाएँ उपलब्ध हैं
मंदिर जाने का सर्वोत्तम समय
- सर्दी का मौसम (नवंबर से फरवरी): मंदिर दर्शन के लिए सबसे उपयुक्त
- विशेष अवसर: महाशिवरात्रि, नवरात्रि और दीपावली जैसे त्योहारों के दौरान मंदिर में विशेष आयोजन
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मंदिर का पता
- स्थान: बिलपांक गांव, रतलाम जिला, मध्य प्रदेश, भारत
- निकटतम रेलवे स्टेशन: रतलाम रेलवे स्टेशन (लगभग 18 किमी)
- निकटतम बस स्टैंड: रतलाम बस स्टैंड (लगभग 18 किमी)
श्री विरूपाक्ष महादेव मंदिर बिलपांक की तस्वीरें (Images of Shri Virupaksha Mahadev Temple Bilpank)
निष्कर्ष
विरूपाक्ष महादेव मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारतीय स्थापत्य कला का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत करता है। यहाँ का वातावरण शांति और आध्यात्मिकता से भरपूर है, जो हर भक्त को एक दिव्य अनुभव प्रदान करता है। यदि आप रतलाम क्षेत्र में हैं, तो इस मंदिर के दर्शन अवश्य करें और इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को महसूस करें।
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